Aadarsh Dincharya | आदर्श दिनचर्या




यह अनमोल जीवन हमें ईश्वर की कृपा से मिला है। अत: रोज हमें २४ घंटे में से कम कम घंटा ईश्वर की उपासना के लिए अवशय निकलना चाहिए।  नियमित  रूप से व्यायाम , योगासन आदि करना चाहिए

- तुलसी के पत्ते चबाकर एक गिलास पानी पीना चाहिए।  इससे हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। हल्का व् पौष्टिक  नाश्ता करें।  दुग्ध भी पीना चाहिए।  प्रतिदिन विद्यालय जाये और एकाग्रता  से पढाई करनी चाहिए। हाथ पैर धोकर मौन पूर्वक भोजन करना चाहिए।
 
Aadarsh Dincharya
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स्वास्थ्यवर्धक सुपचय व् सात्विक भोजन ही लेना चाहिए। बाजारू फास्टफूड से बचना चाहिए। 

पढाई या होमवर्क करने से पूर्व  अच्छी तरह हाथ पर धो कर मस्तक पर तिलक लगाना चाहिए।  हरिओम का उच्चारण भी अध्ययन  के बीच बीच में करना चाहिए। शांत होकर पढ़े हुऐ का मनन करना चाहिए।  कमर सीधी रखें , मुख ईशान कोण (पूर्व और  उत्तर के बीच का ) की दिशा की तरफ रखना चाहिए। जीभ की नोक तालु में लगाकर पढ़ने से पढ़ा हुआ याद करने में आसानी होती है। खेलकूद के बाद नियमित समय पर पढाई करें। संध्याकाल में जप ध्यान त्राटक आदि अवश्य करें।  सद्ग्रन्थों का पठान भी अवश्य करें।






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