जब श्रीराम श्रीकृष्ण
आदि अवतार
लेकर धरा
पर आये
तब उन्होंने
भी गुरु
विश्वामित्र, वशिष्ठ जी तथा संदीपनी
मुनि जैसे
ब्रह्मनिष्ठ संतों का आश्रय मिला।
संतों
की शरण
में जाकर
ही मानवमात्र
को सदगुरू
महिमा
का सन्देश प्राप्त किया। अत:
हमें भी
उच्च संस्कार
के लिए
संतो की
शरण जरुरी
है।
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