Samay Ki Kimat | समय की कीमत | Value of Time in Hindi



एक दरिद्र आदमी राजा के दरबार में धन मांगने के लिए गया।  उसने अपनी दरिद्रता की दास्ताँ राजा को कहकर धन की मांग राखी। 
समय की कीमत
समय की कीमत
इस पर राजा ने  उस दरिद्र की दशा देखकर दया गई और कहा कि जाओ नहा धो कर आओ और आज सूर्यास्त तक जितना भी धन ले जा सकते हो ले जाओ।  वह व्यक्ति घर जा कर नहा धोकर तैयार हुआ तो उसकी पत्नी हे कहा  कि जाओ  अब धन ले आओ।  
Samay Ki Kimat
Samay Ki Kimat
उस व्यक्ति ने कहा की अभी मै भूखा हु जाओ कही से अन्न मांगकर भोजन बनाकर लाओ मै भूखा हु  धन का बोझा कैसे उठाऊंगा वैसे भी अभी पूरा दिन पड़ा है एकबार में ही कीमती हीरे जवाहरात की गठरी बांध कर ले आऊंगा   पत्नी ने भोजन बनाकर दिया तो उसने भोजन खूब डट कर खाया।  अब उसको आलस आने लगा तो उसने  कहा  कि थोड़ा आराम कर लेता हु फिर जाऊंगा अभी तो पूरा दिन पड़ा है।  वह सो गया दोपहर को उसकी पत्नी ने उठा कर कहा कि अब जाओ जल्दी करो।  तो वह दरिद्र व्यक्ति उठ कर चल पड़ा।  रस्ते में नृत्य नाटिका चल रही थी तो वो उसे देखने लगा।  उसने सोचा कि अभी तो काफी समय बचा है, एक बार में ही काफी धन ले आऊंगा और सारी उम्र आराम से कटेगी। और वह नाटिका देखने में व्यस्त हो गया। पूरी नाटिका समाप्त होने पर वह उठा तो उसने देखा की सूर्यास्त हो चूका था और  समय सीमा समाप्त हो चुकी थी।  वह सर पीटता हुआ खाली हाथ घर आया, अब उसको बहुत पछतावा हो रहा था क्योंकि उसने समय की कीमत नही पहचानी।  अब उसके पास पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं था।  
 
Value of Time in Hindi
Value of Time in Hindi


अत: ईश्वर की कृपा से ये मनुष्य शरीर मिलने पर भी जो अपने समय और शक्ति का सदुपयोग नही  करता  अंत में उसको पछताना ही पड़ता है।  



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